बरेली। अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर बरेली के किन्नर समुदाय ने ऐलान किया है कि 22 जनवरी को पैदा होने वाले बच्चों के घरों में वे बधाई गाने तो जाएंगे लेकिन नेग नहीं मांगेंगे।
प्रतीकात्मक तस्वीर
हर वर्ष पांच गरीब बच्चों की स्कूल की फीस अदा करने वाली किन्नर शारदा ने बताया कि वह अपने क्षेत्र में यजमानों के घर-घर जाकर पांच-पांच दीपक पहुंचा रहे हैं, ताकि 22 जनवरी को अपने घरों में दीपक जलाएं। उन्होंने कहा, हम बड़े भाग्यशाली हैं कि अपने जीवन में राम मंदिर के दर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को जिस परिवार में संतान होने पर हम बधाई गाने जाएंगे, वहां नेग नहीं मानेंगे जो मिल जाएगा खुशी-खुशी ले लेंगे और नहीं भी मिला तो आशीर्वाद देकर के लौट आएंगे। किन्नर शारदा ने कहा जब प्रभु श्रीराम वनवास जा रहे थे तो अवध के हर नर नारी के साथ-साथ किन्नर भी उनके पीछे-पीछे जाने लगे तो प्रभु के निवेदन पर सभी अयोध्या लौट आये लेकिन किन्नर नहीं लौटे। तमसा नदी के पास 14 वर्ष तक प्रभु राम का गुणगान और उनकी पूजा-अर्चना की।
वनवास के बाद जब श्रीराम लौटे तो वह उनके प्रति समर्पण भाव देख प्रसन्न हुए और तभी उन्होंने वरदान दिया कि संतान होने पर किन्नर घर-घर बधाई गाकर बच्चों को आशीर्वाद देंगे तो खुशहाली बनी रहेगी।
उन्होंने कहा आज प्रभु की कृपा है कि हम आशीर्वाद देते हैं।
किन्नर नैना देवी ने बताया कि 22 जनवरी के बाद हम लोग अयोध्या श्रीराम के दर्शन करने जाएंगे और वहां मंदिर के निर्माण में सहयोग भी करेंगे।
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उन्होंने यह भी बताया 22 जनवरी को पैदा होने वाले बच्चों को आशीर्वाद के साथ कुछ न कुछ उपहार के रूप में भी देंगे, कुछ नहीं बन पाया तो कम से कम एक गेंदे का फूल जरूर देंगे। किन्नर सरस्वती देवी ने कहा कि उनके क्षेत्र में 22 जनवरी को पैदा होने वाला कोई भी बच्चा ऐसा नहीं होगा, जिसे हम आशीर्वाद देने न जायें और हमने घर-घर एक हजार दीपक नि:शुल्क वितरण का लक्ष्य रखा है। किन्नर गौरी ने कहा कि वह अपनी सहेलियों के साथ 22 जनवरी को ट्रेन में श्रीराम के भजन गाएंगी और हर यात्री को 22 जनवरी के बाद अयोध्या जाने का न्योता देंगी।
बरेली जंक्शन पर खड़ी किन्नर श्वेता ने बताया कि उनकी टीम एक सप्ताह तक 50 किलोग्राम गेंदे के फूलों को न्योता के तौर पर ट्रेन में यात्रियों को देंगी।